अहसास लिखता हूं

मैं अहसास लिखता हूं, तुम्हारे हमारे आस पास लिखता हूं,

कुछ आम लिखता हूं, कुछ खास लिखता हूं,

यमक या श्लेष लिखता हूं, अलंकार अनुप्राश लिखता हूं,

सूर्य का प्रकाश लिखता हूं, कुछ कुहास लिखता हूं,

भयावह नीम अंधेरा लिखता हूं, अंधेरे से लड़ते नन्हें दीपक का प्रकाश लिखता हूं,

कुछ भाव लिखता हूं, कुछ आभास लिखता हूं,

प्रेयसी की मनुहार लिखता हूं, प्रेमी की प्यास लिखता हूं,

बिछड़ों का दर्द लिखता हूं, मिलन की आस लिखता हूं,

प्रेमियों का विलगन लिखता हूं, कुटिल का मोहपाश लिखता हूं,

दुश्मनों का विष लिखता हूं, दोस्तों का जीवनप्राश लिखता हूं,

मां का ममत्व लिखता हूं, पिता का प्यार लिखता हूं

तुम रूठते हो जब जब, तुम्हें मनाने का हर प्रयास लिखता हूं,

गर है तुम्हे यकीं, मुझको छोड़ पाओगे, पास मेरे ही, लौट कर आओगे, अपना ये ‘बेतौल’ विश्वास लिखता हूं,

अपनी खामोशियां लिखता हूं, दुनियां के अट्टहास लिखता हूं,

एक उम्र झेली हैं तन्हाइयां, बैठूं कैसे तुम्हारे संग ये कयास लिखता हूं,

हो जाते हो जब गमज़दा, तुम्हारे लिए हास लिखता हूं,

छेड़ते है यार जब तेरा नाम लेकर, बरगलाता हूं उन्हें, कुछ परिहास लिखता हूं,

लेखक - अतुल पाण्डेय (बेतौल)
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