इस दिवाली एक तस्वीर

इस दिवाली,

एक तस्वीर,

अपनी ऐसी लेना,

जा अंधेरे में,

अपने चेहरे के सामने,

थाल में,

कुछ जलते हुए,

दीप लेना,

मैने दीपों को,

‘बेतौल’ रोशनी दिखाने का,

वादा किया है।

इस दिवाली,

एक तस्वीर,

अपनी ऐसी लेना,

कुछ फूल से,

अंजुरी भर लेना,

फूलों को,

बेतौल महकाने का,

इरादा है मेरा।

दीपों, फूलों के लिए,

वो तस्वीरें,

एक सनद होगी,

मुझ जैसे नाचीज को,

आपकी ये बहुत, बड़ी मदद होगी।

लेखक - अतुल पाण्डेय (बेतौल)
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