मैं हारता जाऊंगा,
तब तलक,
प्यास जीतने की तेरी,
न बुझेगी जब तलक,
तुम जीत कर,
मुझे अपना बना लेना,
मैं हार कर तेरा हो जाऊंगा,
हारूं मैं या जीत जाओ तुम,
हर सूरत में मुझे तो है फायदा,
रखोगे हमेशा साथ मुझे,
बस कर लो ये वायदा,
हमने तो वफा ही सीखी,
सीखा नहीं दगा देना,
मुरझा न जाऊं मैं,
किसी अनजान गुलशन में,
दो पल के लिए ही सही,
मुझे अपने बालों में सजा लेना,
दुनियां भले ही छूट जाए मुझसे,
मैं तुम्हे छोड़ कहीं न जाऊंगा,
तुम जागते हुए आजमाना, या सोते हुए,
पुकारना एक बार अपने जी से मुझे,
जाग रहे होगे तो,
खुली आंखों के सामने ही मिलूंगा तुम्हे,
सो जाओगे ‘बेतौल‘ सपनो में चला आऊंगा।
लेखक - अतुल पाण्डेय (बेतौल)