ये तेरी नागिन सी जुल्फें

ये तेरी नागिन सी जुल्फों का है कहर या, तेरी जहरीली निगाहों का है असर,

कर लिए जतन कितने, उतरता नहीं जहर,

यूं तो, अक्सर ही पिलाए हैं तुमने जाम, शोखियों का ज़हर मिला कर,

पर इस दफा, तुमने ‘बेतौल’ घोली हैं, अदाएं और बेवफाई बराबर-बराबर।

लेखक - अतुल पाण्डेय (बेतौल)
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