गुजर गए कारवां imrankhanfit@gmail.com 3 years ago गुजर गए कारवां सब, फिर भी न तेरा सूरत–ए-अख्तियार हुआ, बाद इंतजार के कयामत ही हुई ‘बेतौल’, नजर उतार लेना आज खुद की, कि, इक हुस्न का इस लिबास में दीदार हुआ.. लेखक - अतुल पाण्डेय (बेतौल) Share with your loved ones.