सजे खिलौने दुकानों में

सजे खिलौने दुकानों में, देख के मन बहुत हर्षाता था, हसरत होती थी लेने की, जी भी तो ललचाता था, घर पर रखी गुल्लक के पैसों से, उनमें से कोई नहीं आ पाता था, वो मात-पिता से मांग सका न, मन ही मन मुरझाता था, गया कभी जो घर किसी … Read more

मुरझाते नहीं यादों के फूल

तुम्हारे आनन की, खुशियों को निरखते हैं, इन मीन सी आंखों में, डूबने को उतरते हैं, नथ तेरी चमकती जैसे, अमावस में सितारे दमकते हैं, प्रतीक्षाइन अधरों के खिलने की, इन्हीं से तो पुष्प झरते हैं, मुरझाते नहीं यादों के फूल, इनसे ही हम सारा दिन महकते हैं, बहती हैं … Read more

थोड़ी सी हंसी

थोड़ी सी हंसी, थोड़ी सी खुशी, आज आ क्यूं मन बसी, मदहोश कर गईं वो निगाहें, हृदय में कहीं जा धंसी, जान मेरी फड़फड़ा रही ऐसे, जाल में जैसे कोई चिड़िया हो फंसी, ओ दर्द देने वाले, दवा है तुम्हें देना, इलाज को न जाऊं मैं द्वार किसी, बीच राह … Read more

तुम हो संपूर्ण

तुम हो संपूर्ण (नायिका का वर्णन) कभी नैनों में कजरा, कभी बालों में गजरा, कभी अधरो पे लाली, कभी कानों में बाली, कभी लहराए लट बालों की, कभी मोहे सुर्खी गालों की, कभी गुलाबी नैन ज्यों, तजे निंदिया, कभी चमकारे यों, माथे की बिंदिया, कभी गले में माला, कभी होठों … Read more

हम तेरे शहर में हैं

हम तेरे शहर में हैं आज की सारी रात, मिले गर फुरसत तो, करना मुलाकात, मिलना मुनासिब न हो तो, कर लेना बात, इंतजार रहेगा तुम्हारा, तुम्हे नींद आने तक, ‘बेतौल’ जगा कर रखेंगे, अपने जज़्बात, वरना, तुम तय कर लेना वक्त, अगली बार कब आओगे साथ!! लेखक – अतुल … Read more

मैं बादल आवारा सा

तुम सुंदर धरा, मैं बादल आवारा सा, तुम आकर्षक लहलहाती सी, मैं मतवाला बंजारा सा, तुम परिपूर्ण विविधता से हो, मैं एकसार कजरारा सा, तुम श्रंगार हो दुल्हन का, मैं एक मन कुंवारा सा। सूर्य ताप से तुम तपती हो, मैं बीच में जा अड़ जाता हूं, गर्मी सूरज क्यों … Read more

अपनों की जमात में

अपनों की जमात में, आइना ढूंढ रहा था, मुझे खुद को देखना था, तुम्हारी आंखों में झांकना, मजबूरी थी मेरी। आंधियां यादों की जोर हैं, सहारा चाहता था, मुझे खुद को बचाना था, तेरा हाथ थामना, मजबूरी थी मेरी। तेरी नाराजगी के ताप से, झुलस रहा था मैं, मुझे खुद … Read more

क्यूं जा रहे हो दूर मुझसे

क्यूं जा रहे हो, दूर मुझसे, यूं रूठकर, प्यार दे सकते हैं, जी भर तुम्हें, पर आता नहीं मनाना, वसीयत फूलों की, तुम्हारे नाम है, खार कोई दिखे तो, मुझे भिजवाना, पैर नंगे हैं, राहें कंटीली, पथरीली, चुभेंगे शूल कई, पांव जख्मी, हो जायेंगे, तुम्हारे, मरहम के लिए, अपने दिल … Read more

बात कर लेना

तो….., बात कर लेना। अपने चांद सितारों से, अपना जब दामन भर लेना, खाली सा लगे कोई हिस्सा, मुझे पिरो लेना, ऊब जाओ, जब जिम्मेदारियों के तले, जी घबराए तो, याद मुझे कर लेना, दिन तुम्हारा जाएगा, भाग दौड़ में, थक जाओ तो, मुझे याद कर लेना, बिखरे खार बहुत … Read more

इस दिवाली एक तस्वीर

इस दिवाली, एक तस्वीर, अपनी ऐसी लेना, जा अंधेरे में, अपने चेहरे के सामने, थाल में, कुछ जलते हुए, दीप लेना, मैने दीपों को, ‘बेतौल’ रोशनी दिखाने का, वादा किया है। इस दिवाली, एक तस्वीर, अपनी ऐसी लेना, कुछ फूल से, अंजुरी भर लेना, फूलों को, बेतौल महकाने का, इरादा … Read more