अब आए हो बन के बादल

तड़पे हैं, जले हैं भरी धूप में उम्र भर, व्यथा कही न कभी किसी से पर, अब आए हो बन के बादल, कुछ तुम पागल, कुछ मैं भी पागल, फैला लो अपनी बाहों को जैसे अंबर, थक सा गया हूं भागते दौड़ते, कितना नीर सरहा जिंदगी का सफर, सहज हो … Read more

दीवानगी का आलम

1. तुम आओगे या नहीं, हुए खूब गुणा भाग, जोड़ घटाने कशमकश के, 2.कहीं से मिल जाए एक झलक तेरी, चलाए सभी तीर अपने तरकश के, 3.चल देते थे कदम तेरी तरफ, अब न रहे ये मेरे वश के, 4.हाल मेरा देख सब, पूछते थे सबब, बताते न कुछ, निकल … Read more

इक किताब सा है चेहरा तेरा

इक किताब सा है चेहरा तेरा, आवरण में लगाई मुस्कुराहट, नाम खुशी तुमने इसका धरा, आंखों से रंग भी खूब भरा, इसकी प्रस्तावना में तुमने, समेंटे अहसास खुशियों वाले पल के, भीतर कहानियों गीतों में भी, लिखे शब्द हल्के फुल्के, पढ़कर जिन्हें, अहसास न हों मन की हलचल के, आवरण … Read more

ये तेरी नागिन सी जुल्फें

ये तेरी नागिन सी जुल्फों का है कहर या, तेरी जहरीली निगाहों का है असर, कर लिए जतन कितने, उतरता नहीं जहर, यूं तो, अक्सर ही पिलाए हैं तुमने जाम, शोखियों का ज़हर मिला कर, पर इस दफा, तुमने ‘बेतौल’ घोली हैं, अदाएं और बेवफाई बराबर-बराबर। लेखक – अतुल पाण्डेय … Read more