ये एहसास और है। (ग़ज़ल)
खुशबू होती तो है हर फूल में, बात गुलों की हो तो, गुलाब और है, नशा तो बहुत है इस जहां में, पी जो तेरी आंखों से वो शराब और है, फर्क पड़ता नहीं सामने कौन है, छज्जे के उस कोने में तेरा दीदार और है, पूर्णमासी हो या रात … Read more